ओबीसी पाए गए अयोग्य – NFS घोटाले का पर्दाफाश
इन दिनों सोशल मीडिया पर एनएफएस घोटाला चर्चा का विषय बना हुआ है। अनेक बड़े दलित चिंतक इस घोटाले को उजागर करने में जी जान लगाए हुए हैं ताकि सोये हुए ओबीसी समाज को जगाया जा सके जिससे ओबीसी समाज को उनका हक, अधिकार मिल सके।
हुआ यूं कि जीबी पंत सोशल साइंस इंस्टिट्यूट द्वारा बड़े पद पर भर्तियाँ निकाली गईं थीं जिनमें अस्सिस्टेंट प्रोफेसर की 6, एसोसिएट प्रोफेसर की 3 व प्रोफेसर की 1 रिक्तियां थीं।
इसमें सामान्य, आदि सभी पदों पर सवर्ण कैंडिडेट लेकर रिक्तियां भर दी गईं वहीं जहाँ ओबीसी की रिक्तियां थीं वहाँ किसी भी कैंडिडेट को भर्ती नहीं किया गया, जबकि ओबीसी कैंडिडेट के अधिक नम्बर थे और उनके लिए नॉट फॉउंड सूटेबल लिख दिया गया यानि ओबीसी के कैंडिडेट अधिक नम्बर लाने पर भी योग्य नहीं पाए गए। इस घोटाले का सबसे बड़ा पहलू यह है कि जीबी पन्त के डायरेक्टर बद्री नारायण तिवारी खुद एक सवर्ण समाज से हैं ऐसे में यह पुख्ता हो जाता है कि यह घोटाला एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है।
सामान्य वर्ग के 91 नम्बर आये थे, EWS यानि सुदामा कोटा अभ्यर्थी के 81 नम्बर आये थे तो उन्हें भर्ती कर लिया गया लेकिन ओबीसी वर्ग के 93 नम्बर आये फिर भी उसे अयोग्य कह दिया गया। क्या यह अन्याय नहीं है? सदियों से सवर्ण समाज SC/ST व OBC वर्ग के साथ छल कपट करके अन्याय करके उनके हिस्से का खा रहे हैं इतने सब पर भी उनका पेट नहीं भर पा रहा। ब्राह्मणों ने ओबीसी एससी एसटी के लोगों को शिक्षा, संपति के अधिकारों से कानून बनाकर वंचित रखा। आज भी उनका यह षड्यंत्र जारी है।
सोशल मीडिया पर विख्यात दलित चिंतक प्रोफेसर दिलीप मंडल ने इस घोटाले की कड़ी निंदा की है व मांग की है कि सभी सम्बंधित अभ्यर्थियों के साक्षात्कार की वीडियो सार्वजनिक की जाए ताकि इस घोटाले का पर्दाफाश किया जा सके व दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जा सके।
प्रोफेसर दिलीप मंडल ने ट्वीट कर कहा “नॉट फ़ाउंड सुटेबल घोटाला राष्ट्रीय समस्या है। OBC, SC, ST की लाखों नौकरियाँ लूट कर सवर्णों को दे दी जा रही हैं। इंटरव्यू का नंबर कम हो और उसका लाइव वीडियो प्रसारण हो। बहुत बेईमानी चल रही है। सामाजिक और राजनीतिक संगठनों को इसके ख़िलाफ़ भारत बंद की तैयारी करनी चाहिए।”
उन्होंने अन्य ट्वीट में कहा “नॉट फ़ाउंड सुटेबल घोटाले के सरग़ना बद्री नारायण तिवारी को बर्खास्त किया जाना चाहिए। NFS घोटाले की जाँच हो। ये भारत के 70 करोड़ ओबीसी की माँग है। ये घोटाला चलता रहा तो ओबीसी के लोगों का सलेक्शन हो ही नहीं पाएगा।”